इलेक्टोरल बॉन्ड क्या है?
चुनावी बॉन्ड योजना में कोई भी व्यक्ति और संस्था एसबीआई बैंक से बॉन्ड खरीदकर राजनीतिक दलों को दान के रूप में देती थी, चुनावी बॉन्ड योजना राजनीतिक दलों को नकद दान के विकल्प के रूप में राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता लाने के लिए थी, राजनीतिक दलों को बैंक में इन बॉन्डों को भुनाकर पैसा मिलता था.
यह कब लागू हुआ?
इलेक्टोरल बॉन्ड 2018 में पेश किए गए थे। केंद्र सरकार ने इसे 2 जनवरी 2018 को लागू किया था
इलेक्टोरल बॉन्ड चंदा कौन से दल ले सकते थे?
इलेक्टोरल बॉन्ड से उसी पार्टी को चंदा लेने का अधिकार था, जो लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कम से कम 1 प्रतिश वोट मिला हो
ये बांड कैसे और कितनी रकम के खरीदे जाते थे?
इलेक्टोरल बॉन्ड कोई भी व्यक्ति एसबीआई की निर्धारित शाखाओं से जाकर खरीद सकता है. यह बॉन्ड 10 रुपये, 1000 रुपये, 10,000 रुपये और 1 करोड़ रुपये के गुणकों में जारी किए जाते हैं.
ये बांड कितने दिन में भुनाये जा सकते थे?
बॉन्ड खरीदने की तिथि से 15 दिन के अंदर भुनाना होता था, 15 दिन के बाद यह निरस्त हो जाता था. और बॉन्ड खरीदने वाले की पहचान गुप्त रखी जाती थी और उसपर रकम कोई टैक्स नहीं लगाया जाता था.
सर्वोच्च न्यायालय का एतियासिक फैसला
सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को अवैध करार देते हुए इस पर रोक लगा दी है. संविधान पीठ ने कहा कि गुमनाम चुनावी बॉन्ड सूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19(1)(ए) उल्लंघन है. राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चंदे के बारे में जनता को जानने का पूरा अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई बैंक को तीन हफ्तों में रिपोर्ट देने के लिए कहा था. SBI को 12 अप्रैल 2019 से लेकर अब तक जितने भी इलेक्ट्रोरल बॉन्ड खरीदे इसके बारे में जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी. चुनाव आयोग यह जानकारी अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करेगा.
इलेक्टोरल बॉन्ड से किस पार्टी को कितना चंदा मिला (रूपये)-
भारतीय जनता पार्टी - 60,605,111,000.00
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस - 16,095,314,000.00
अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति - 14,218,655,000.00
भारत राष्ट्र समिति - 12,147,099,000.00
बीजू जनता दल - 7,755,000,000.00
संसद में डीएमके पार्टी - 6,390,000,000.00
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (युवजन श्रमिक आर) - 3,370,000,000.00
तेलुगु देशम पार्टी - 2,188,800,000.00
शिवसेना (राजनीतिक दल) - 1,583,814,000.00
राष्ट्रीय जनता दल - 725,000,000.00
आम आदमी पार्टी - 654,500,000.00
जनता दल (धर्मनिरपेक्ष) - 435,000,000.00
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा - 365,000,000.00
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की संसद - 305,000,000.00
जनसेना पार्टी - 210,000,000.00
आद्यक्ष समाजवादी पार्टी - 140,500,000.00
बिहार प्रदेश जनता दल (यूनाइटेड) - 140,000,000.00
झारखंड मुक्ति मोर्चा - 135,000,000.00
शिरोमणि अकाली दल - 72,600,000.00
सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट - 55,000,000.00
राष्ट्रीय जनता दल - 10,000,000.00
शिवसेना - 10,000,000.00
महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी - 5,500,000.00
जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस - 5,000,000.00
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र प्रदेश - 5,000,000.00
गोवा फॉरवर्ड पार्टी - 3,500,000.00
ज्यादातर बड़ी बड़ी कंपनियों ने ये चंदा दिया हैं किसी ने बड़े ठेके के लिए तो किसी ने छापेमारी से बचने के लिए.
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