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| FARMERS PROTEST |
भारतीय किसानो को बार बार आंदोलन क्यों करना पड़ता हैं?
भारत की सब राजनीतिक पार्टीयो ने सत्ता में आने के लिय किसानो के साथ चुनावों से पहले बड़े बड़े वादे किये और कर रहे हैं, लेकिन सत्ता में आने बाद वो सब भूल जाते हैं या किसानो के लिये कुछ करना नहीं चाहते हैं।
भारत एक कृषि प्रधान देश हैं
और देश की सकल घरेलू उत्पादन (GDP) में लगभग १८ - २०% योगदान होता हैं फिर भी आज किसान सड़को पर उतरा और आन्दोलन कर रहा हैं। और सरकार वर्तालब कर कोई समाधान निकलने की बजाय किसानो को रोकने के लिए रास्ते अवरूध कर रही हैं और बल प्रोयोग कर रही हैं।
देश की आधी आबादी आज भी खेती पर निर्भर हैं। लेकिन फिर भी किसानो और खेतिहर मजदूरों की हमेसा ही अनदेखी की जाती हैं, केवल वादे किये जाते हैं।
आज किसानो और मजदूरों पर बैंकौ और साहुकारो के कर्ज से दबे हैं, सरकार इसके लिए कुछ अलग से बजट या राहत के लिए कोई दूसरा उपाय नहीं करती हैं, लेकिन उद्योगपतियों का लाखो करोड़ रूपये एक झटके में माफ़ कर सकती हैं।
खेती और पशुधन
खेती और पशुधन का सम्बन्ध सीधा लोगो के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ हैं। अगर सवस्थ अन्न, फल, सब्जिया और दूध होगा तो लोग सवस्थ रहेंगे एवम सवास्थ्य बजट अपने अपने आप ही कम हो जायेगा ।
ऑर्गेनिक खेती
ऑर्गेनिक खेती में गोबर की खाद का अहम् योगदान हैं तो सरकार को हर गोशाला में गोबर की सही जैविक खाद बनाने की उचित व्यावस्था करनी चाहिए एवम पशुपालको तथा किसानो को उचित तकनिकी प्रक्षिक्षण और उचित सहायता करना चाहिए तथा कृषि विसेस्ग्यो द्वारा लगातार देखरेख करना चाहिए तो खेती की लागत कम होगी और उपज ज्यादा होगी।
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